Hindi Medium Movie Review 2017 in Hindi




फिल्म समीक्षा 

निर्देशक : साकेत चौधरी

निर्माता: दिनेश विज़न 

मुख्या किरदार: इरफ़ान खान, सबा , दीपक डोबरियाल, अमृता सिंह आदि.

स्टार : 3

सिनेमा असल दुनिया का आईना है . इरफ़ान खान और सबा  की “Hindi Medium” इसी का उदाहरण है . ये फिल्म केवल मनोरंजन में लिए नहीं है. इसके सभी भाग असल जीवन में हिंदी और  अंग्रेजी के बीच बँटे हुए दो  समाज़ की कहानी है..

एक तरफ समाज का वह हिस्सा है जो इंग्लिश को अपनी सामाजिक समृद्धि का प्रतीक मानता है और दूसरी तरफ वो हिस्सा है जो अभी भी हिंदी में ही संतुष्ट है. यह संतुष्टि  केवल ऊपरी है

आज़ादी के बाद भी इंग्लिश ने अपनी पकड़ मजबूत बनाई हुई है

अंग्रेजी का बढ़ता हुआ वर्चस्व ही इन दो समाज को ऊँचे और नीचे दर्जे में विभाजित कर दिया है.

किरदार 

बदलते वक़्त के साथ अंग्रेजी ने अपनी जड़े मजबूत कर ली है. आज चाहे सोशल मीडिया हो, या कोई अन्य काम सभी जगह अंग्रेजी का ही बोलबाला है . इस फिल्म मे यही देखने को मिलता है. इरफ़ान खान  और सबा ने अपनी भूमिकाएँ बहुत  बारीकी से निबाहि है.

Also read  Top 30+ Best Free Pujnabi Movies Downloads Sites 2020 To Download Free Movies

दोनों ही पूरी फिल्म में अपने अपने किरदारों में सटीक है. दीपक डोबरियाल और अमृता सिंह भी अपने किरदारों में सटीक है. फिल्म में इरफ़ान खान और दीपक डोबरियाल की जुगलबंदी फिल्म को एक नया आयाम देती है.  

सभी कलाकारो  ने अपने संवादों से बेजान हिस्सों मे भी जान डाल दी है. सबा भी अपने माँ के किरदार में खूब जचती है. फिल्म की पटकथा का विषय पुराना है परन्तु सभी कलाकारों की शानदार अदाकारी इसे एक नया रूप देती है.

कहानी

यह फिल्म समाज में अंग्रेजी से होने वाली सामाजिक विसंगति का प्रतीक है. 

इरफ़ान खान , राज  में किरदार में सटीक है . कहानी शुरू होती है राज (इरफ़ान) और मीता (सबा) ली प्रेम कहानी से. राज एक सफल उद्योगपति है और उनकी पत्नी यानी मीता गृहणी है.

राज और मीता दोनों का अंग्रेजी में डब्बा गुल्ल है. राज और मीता अपनी बेटी को एक उच्च कोटि की अंग्रेजी शिक्षा देना चाहते है. यही पर कहानी अलग  मोड़  लेती है, राज और मीता को अंग्रेजी न आने की वजह से उनकी बेटी को किसी अच्छे स्कूल में दाख़िला नहीं मिलता. 

मीता अपनी बेटी को अंग्रेजी स्कूल में ही पढ़ना चाहती है क्योंकि कही न कही उसे यह पता है की आज के इस समाज में अपनी पहचान बनाने में लिए अंग्रेजी बहुत ज़रुरी है.

Also read  Upcoming movies of Varun Dhawan & Release Date, Budget, Trailer etc.

इरफ़ान यानि राज के किरदार को कोई फर्क नहीं पड़ता की उसे अंग्रेजी नहीं आती. पर समाज को देखते हुए वो भी यही चाहता है की उसकी बेटी को किसी अंग्रेजी स्कूल में दाख़िला मिल जाये. 

दाख़िला पाने का संघर्ष ही इस फिल्म की पूरी कहानी है. दाख़िला पाने के लिए माँ – बाप का भी अलग से इंटरव्यू होगा यह जानकार राज और मीता परेशान हो जाते है.  

अंग्रेजी न आने की वजह से वह इंटरव्यू में असफल हो रहे थे. राज हर कामयाब कोशिश करता है जिससे पिया (बेटी) को किसी अंग्रेजी मॉडर्न स्कूल मे दाख़िला मिल जाये, पर कुछ नहीं होता ,इसी बीच उन्हें एक रास्ता सूझता है.राज और मीता दोनों गरीब होने का झूठा नाटक रचते है.

इसके बाद वह “राइट २ एजुकेशन .” के तहत अपनी बेटी का दाख़िला गरीब बच्चों के कोटे में करने की कोशिश करते है. इसी बीच वह राम प्रसाद और तुलसी (पड़ोसी जो उन्हें गरीबी के नाटक  में मदद करते है) से भी मिलते है. यह किरदार भी अपनी जगह महत्वपूर्ण है.

Also read  Radhika Apte Wiki, Age, Husband, Family, Biography & More...

कहानी में अंत में पहले तो सभी के फ्रॉड तरीकों से लिए गए दाखिले रद्द हो जाते है लेकिन बाद में लाटरी के माध्यम से पिया का दाख़िला हो जाता है और राज और मीता फिर से अपने पुराने घर में और अपनी पुरानी जिंदगी में लौट जाते है.कहानी सरल है पर बहुत गहरा प्रभाव डालती है. 

आज अगर आप अंग्रेजी नहीं जानते तो आपको अन-पढ़ करार करने में कोई देरी नहीं की जाएगी. फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम सभी जगह हिंदी की बाते भी अंग्रेजी वर्णों में होती है. हिंदी केवल पिछड़े वर्ग की सुविधा का साधन बन कर रह गई है. और इसमें कोई शक नहीं है की इसका श्रेय हमे ही जाता है.

जरुरत हो या न हो लोग अपनी अंग्रेजी से अपना स्टेटस जरूर दिखाते है. यह फिल्म ऐसे ही समाज को दिखाती है और कही न कही यह कह जाती है की जब हम ही अपनी भाषा का मान नहीं करेंगे तो किसी और से सम्मान की अपेक्षा गलत है. 

अवधि: १३३ मिनट.

Source: Youtube

“Stay Informed and connect to Todaysera  for the latest updates”